जो किया उसे अब भरना है, अभी निश्चय कर लो, खुशी खुशी मरना है - मन के तार
जलाई दिलरिया
भाग गयी बिलरिया
कैसी यह आफत है
अपनी भी आदत है
छोड़ना नहीं है
जो सीधा करते है
वही सही है
छोटा बड़ा बूढ़े
किसी को न छोड़ेंगे
किया है मौज खूब
अब बेतहासा दौड़ेंगे
जो किया उसे अब भरना है
अभी निश्चय कर लो
खुशी खुशी मरना है
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प्रताप नारायण पांडेय
ग़ज़िआबाद
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